$ 0 0 बेटी बचाने के लिए बदलाव दिखने लगा है. बेटी होने पर मातम नहीं पसरता, बल्कि खुशी के ढोल बजते हैं. ये बदलाव की बयार है. बेटी बोझ नहीं, घर का चिराग है.